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कांई सांचाणी / नीरज दइया
Kavita Kosh से
हरफ
बांधैला हालात
ढाळैला जद इतिहास
खुद मांय
सांच नै।
सांच री हाट मांय
हुवै एक सांच
जिण रो नांव कूड़।
कांई सांचाणी-
इतिहास सूं ऊंचो है
एक भळै इतिहास!