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काई / वास्को पोपा / सोमदत्त
Kavita Kosh से
पीली नींद अनुपस्थिति की
भोली खपरैल पर
इन्तज़ार करती है
मौक़ा देखती है उतरने का
धरती की मुंदी पलकों पर
घरों के गुमशुदा चेहरों पर
पेड़ों की दब्बू बाँहों पर
इन्तज़ार करती है छिपी
बिछाने का
नीचे डली विधवा कुर्सियों-मेज़ों पे
सावधानी से
पीली चादर धूल की
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त'