काश्मीर के प्रति - पंचमसर्ग/ शंकरलाल चतुर्वेदी 'सुधाकर'
ओकाश्मीरकालेबादल, तेरेअम्बरपरउठनेलगे |
नाजानेकबवेबरसपड़े, रहरहकरझगड़ेघुलनेलगे ||१||
तुझसेरणकरनेकीधमकी, देता, करताजगचीखपुकार |
अमरीकासहितदेशमुस्लिम, करतेरहतेमिथ्याप्रचार ||२||
भारतदेवीतवरक्षक, थीचुस्तचतुरनितसावधान |
बुलवातीनित्यनएअतिथी, करनेविवादकासमाधान ||३||
रसिया,जर्मन, इंग्लैंडदेशअमरीकापावनप्रजाजूह |
समझाथारेडक्रोसकादलयाह्याकाजालिमचक्रव्यूह ||४||
वस्तुस्थितिस्वयंहीप्रकटहुई, निष्पक्षपरीक्षककेआगे |
मिथ्याप्रचारयाह्याखांके, भग्नहुयेजैसेधागे ||५||
वास्तविकतासमझीरसियाने, खुलगएपाककेकपटपत्र |
साहाय्यसमरहोउभयमध्य, लिखदियाअमिटसासंधिपत्र ||६||
भारतरसियाकीसंधिहुई, मानवनेसमझीमानवता |
समझोसुह्रदनेसमझीथी, अपनेसुह्रदकीपरवशता ||७||
खाईसुरंगनिर्माणहुई, तोपोंकेमोकेअटलबने |
चौकीथीपाकवाहिनीकी, संगरकेशिविरवितानतने ||८||
तबभीतूसोयारहासिंह, निजमंदमध्यलखकरश्रंगाल |
अथवाप्रमुदितथावीरजात ! जैसेकरगतलखिग्रासव्याल ||९||
परहुईसशंकितइंदिराजी, बुलवाएसत्वरदलनेता |
नितरांविजयउपलब्धि –हित, मंत्रणाहुई "होहमजेता" ||१०||
भारतरक्षाकाभारसौंप, यात्राविदेशकाकियाsरम्भ |
शुभअंतउसीकाहोताहै , जिसकाहोताहैशुभारम्भ ||११||
देनेवस्तूकातत्वज्ञान, करनेभारतकारुखप्रकाश |
सौहार्दभावकोजागृतकर, करनेशत्रुकापटलफाश ||१२||
जर्मनी,फ़्रांस, इंग्लैंडदेश, पहुँचीनेहरुजाअमरीका |
समझायासबकोन्यायपक्ष, पाकप्रभावकियाफीका ||१३||
सच्चेमानवनेमानवता, न्यायीनेसमझान्यायपंथ |
विचलितहोतेनहिंविघ्नों , बढजातेपगनरकेसुपंथ ||१४||
ओकाश्मीर ! कलथीतुझसे, इंदिराकापाकरवरदहस्त |
रक्षाकेसाजसजेसबकीसैनिकमैगलथेमदोन्मत्त ||१५||
चप्पाचप्पाकाअवलोकन, करतेथेपुंगववीर "लाल" |
सुनी 'मानिक-शा' गंम्भीरगिरा, होजातेसैनिकजननिहाल ||१६||
नेहरुकुलकंलितकमिलिनीसी, फैलातीअपनीमदिरगंध |
थेमुग्धसभीजनमनमंदिर, श्रद्धासूत्रोंकेनवलबन्ध ||१७||
अथवारक्षितउससेलखकर , बढ़गयामनोबलनवोत्साह |
अथवातड़ीताकीतड़कनसेभासितभारतकेवारिवाह ||१८||
तूकाश्मीर ! सोयाजागा, स्वप्निलतन्द्रामेंथाविभोर |
क्रीडागतकलितकंजिनीसे, करतापतंगलेरश्मिडोर ||१९||
जाताथालेताभद्रविदा, छिपताथाहँसताथाजाता |
पीछेकोमुड़-मुड़लखताथा, प्यारीमुखकोजानाजाता||२०||
थेराष्ट्रपतिदिल्लीनगरी, नेहरुजापहुँचीकलकत्ता |
भारत-ललाट ! तन्द्रामयतू, सैनिकसतर्कथेअलबत्ता ||२१||
खग-कुलनीदोंकोलौटरहे, निलयोंकोश्रमिकबुद्धिजीवी |
काननसेद्विशफ-चतुष्पदथे, दफ्तरसेलौटेअनुजीवी ||२२||
मनचलेसनेही 'पिक्चर' में, हाटोंमेंविचरेंनरनारी |
रसवतीमध्यगृहस्वामिनिथी, पश्चिमदिशिपहुंचेतमसारी ||२३||
मुमताज-ताजगोविन्दसिंहजी, जसवंतसिंह, रणजीतवीर |
हरिसिंहबहादुरशाहचले, खेलनजननी-भूहोअधीर ||२४||
हरीऋषिग्रहविधुईसासनका, तीनदिसंबरथापुनीत |
पाकेशभेड़ियेपिंगलने, भारतपरठानीतबअनीत ||२५||
आगरा, छम्बअमृतसरमें, बरसायेदुश्मननेगोले |
जम्बुजसवंतबहादुरकी, नगरीमेंछायेथेगोले ||२६||
छायापतिसत्वरभागगये, स्तब्धहुआसैनिकप्रदेश |
मारोउसदुष्टभेड़ियेको, बौखुलाभारतअशेष ||२७||
मूंछोंपरपहुंचेवीरहस्त, संगीनशतघ्नीकेचालक |
भूंखेबाघोंसेगरजपड़े, भूजलवायुअनिपालक||२८||
जाछिपेशिशुजननीउरमें, गेहोंमेंपहुंचेनरनारी |
इंदिराकेवचनश्रवणकरने, आकुलव्याकुलजनतासारी ||२९||
विद्युतप्रकाशसबलुप्तहुआ, नगरोंमेंछायाअन्धकार |
मानोनिमग्नकरनेभूको, उमड़ातमकासिंधूअपार ||३०||
टिमटिमकरतेथेलघुदीपक, धुंधलीप्रकाशकीरेखाले |
मानोखद्योतछिपेहैंआ, कोनेकोनेमेंभयकोले ||३१||
रेडियोखुलेघरकक्षकक्ष, 'स्थानक' सबथेशांतमौन |
आज्ञाबिनसंजयजननीके, कहसकताकुछभीवीरकौन ||३२||
कलकत्तासेआईदिल्लीको, साहसिनसहजप्रधान-मंत्री |
'वाराहगिरि' केढिंगपहुंची, स्पंदितथीहृदकीतंत्री ||३३||
सेनानायकदलकेनेता, दृढ़वीर 'अटल' सेकरविचार |
जनताकालेकरआश्वासन, उत्तररणहितनिरधारवार ||३४||
आपातकालकानिर्घोषण, दृढ़स्वरमेंकियाथा 'वाराह' |
मध्यनिशामेंइंदिराका, सन्देशप्रसारणकाप्रवाह ||३५||
फिरक्याथाभारतकादलबल, दलबादलसारणउमड़चला |
चहुँदिशिसेप्रलयसिन्धुउमड़ा, यापावसघन-गनघुमड़चला ||३६||
भारतमाताकेशत्रुको, क्षणमेंकरदेंगेनष्टभ्रष्ट |
हमतनमनधनन्यौछावरकर, माँकेकाटेंगेविपतकष्ट ||३७||
हमडरेंनगोलीगोलोंसे, झंझाहिमकेतूफानोंसे |
बढ़तेहीजायेंगेसंगरमें, भिड़नेकोशत्रुजवानोंसे ||३८||
हमपाकसैन्यकोमूलीसा, काटेंगेरणमेंबढ़बढ़कर |
टेंकोंकोसैवरयानोंको, तोड़ेंगेनेटोंपरचढ़कर ||३९||
काश्मीरकष्टकाभंजनकर, कलदेंगेभारतजननीको |
हमभारतकेसच्चेसपूत, दिखलादेंगेनिजजननीको ||४०||
जयभारतजयजयइंदिराकी, जयगाँधीलालबहादुरकी |
जयराष्ट्रपतिजयहिंदकहो, जयनेहरुलालजवाहरकी ||४१||
हमउसअग्निकेपुतलेहैं, जोभस्मपाककोकरदेवें |
छातीपरचढ़कररक्तपियें, दुश्मनकादमदममेंलेवें ||४२||
हेकाश्मीर ! जयध्वनिकेसंग , मतवालेबढ़तेजातेथे |
गंभीरगिरामेंविजयगीत, रहरहकरगातेजातेथे ||४३||
करतेथेमारतीव्रसरसी, विद्युतकेनैटगगनमेंचढ़ |
आनेसेपहलेजाभिड़ते, भूंखेबाघोंसेआगेबढ़ ||४४||
हेकाश्मीर ! जबसंयुगमें, सेवर- विमाननभमेंछाते |
तोयानविध्वंसकतोपोंसे, मुड़मुड़जातेगिरिजलजाते ||४५||
श्रीनगरजम्बुगिरिमालामें, अग्निकीवर्षाधुआंधार |
परप्रजामनोबलस्थिरथा, साहसभीउनमेंथाअपार ||४६||
हेकाश्मीर ! हेकर्णदेश ! पाकेशपधारेक्षेत्रछम्ब |
तेरीछातीकोछलनेको, बरसाएतुझपरविविधबम्ब ||४७||
पाकेशमित्रसबकहतेथे, अपराधीहैंभारतवासी |
'परिषद' मेंयुद्धविसर्जनका, प्रस्तावरखानिक्सनशासी ||४८||
बीटोसेरसियानेउनका, प्रस्तावपूर्णकादियारद्द |
भुट्टोनेपत्रोंकोफाड़ा, योंप्रकटकियानिजभावक्रुद्ध||४९||
हेहरिसिंहकेसिंहवीर, याह्याथाक्रोधितभारतपर |
'परिषद' कादबाकोपप्रकटा, योंगजबढहाकरभारतपर ||५०||
परवीरमहाइंजिनियरथा, साधेपश्चिमरणकीकमान |
आदेशपायलेटोंकोथा, शत्रुसेरहनासावधान ||५१||
गंभीरगिरामेंमार्शलयह, बोलावीरो ! होलोतैयार |
करध्वंसपवनपट्टीकोतुम,नाकामकरोअरिएकवार ||५२||
ऋणआजचुकानाहैतुमको, भावीपीढ़ीकाशूरवीर |
होजायनष्टवहदुष्टसद्य, जिससेचिंतितहैकाश्मीर ||५३||
भारतपरकरकेवारवार, निजवारबनाताहैअशांत |
करदोतुमउसकाअंतआज, पड़जायेमृतकसमवहप्रशांत ||५४||
सुनकरउसकीगंभीरगिरा, वीरोंमेंउमड़ाअतिसाहस |
नेत्रोंमेंक्रोधउभरआया , थीरुधिर-मयीउनकीनस-नस ||५५||
वेभरनेलगेउड़ानेअब , शत्रुकीथलसेनामेंजा |
तबसेवरऔरमिराजोंपर, हण्टर-सेप्टरसेआगेजा ||५६||
शत्रुकेबंकरटेंकोंपर, तोपोंपरबमबरसानेलगे |
वेमालभरेमोटरट्रककोरेलोंकोसपुलउड़ानेलगे ||५७|
श्रंखलातोड़दीरेलोंकी, करदियारडारोंकाभेदन |
तेलालयलपटोंमेंबदले, पेटन1 टेंकोंकाविच्छेदन ||५८||
[1 पाकटेंककानाम ]
सरगोधा , शेरकोट, मेंहर, चंदेर, सकेसर, मियांवाल |
मुल्तान, करांची, पेशावर, वममयआह़तसेथेरिसाल ||५९||
वेकरतेकभी 'डोगफाइट'2 लेगुप्तकेमराकीसहाय |
रॉकेटकेनसन3 केद्वाराबरसातेबमअनुकालपाय ||६०||
[2विमानोंकेलड़नेकीएकविधि]
[3लड़ाकूबमवर्षकविमानकाएकअस्त्र]
रात्रिकेगहनतोम-तममें, मारुतसा 'मारुत'4 उडाताथा |
पविसदृशघातसंघातोंसे, दुश्मनकेदलकोदलताथा ||६१||
[4बम-वर्षकविमानएच-एफ२४]
भयभीतहुईशत्रुसेना, नैटों5कीखाकरप्रबलमार |
मिग6नैटतभीपीछाकरते, भगजातेशत्रुहारहार ||६२||
[5नेटभारतकाविमान]
[6रूसकाविमानभारतप्रदत्त]
वीरोलड़ोहटोनारणसे, करोशत्रुकीनींदहराम |
गरजगरजकरबोलरहेथेमंत्रीश्रीजगजीवनराम ||६३||
बढ़ताथासाहसवीरोंका, शत्रुहोंसलेहोतेपस्त |
इंदिराकेसंकेतहेरिकर, पाकक्षेत्रकरतेगतहस्त ||६४||
किन्तुनेहरुकीवीरसुता, बाघिनसीक्षणक्षणतड़करही |
मानिक-शा, इला-नाथ7वाणी, बिजलीपविसीतबकड़करही ||६५||
[7एयरमार्शलपी.सी. मार्शल]
घुसगयेइधरवेबंग-मध्य, जयहिंदसभीकीबानीथी |
जयबोलोभारतमाताकी, शरणागतआननिभानीथी ||६७||
पद्मा, गंग, ब्रह्मपुत्रको, पारकियाबलवानोंने |
रातोंरातउतारदियादल, तीरतीरपरयानोंने ||६८||
गाजीबेड़ाभग्नकिया, नौकास्टीमरडूबादिये |
चटगाँवफतहकियाचट-पट, तोपोंकेमुखझुकादिये ||६९||
जैसोरकोमिल्लामुनिघाट, करलिएहस्तगततत्क्षणमें |
उसवीरअरोड़ाकीवाणी, साहसवर्धकथीउसरणमें ||७०||
सेवरजेटविध्वंशकिये, सबबर्बरताकोदबादिया |
भिड़गयेजानपरखेलवीर, शत्रुकासाहसहवाकिया ||७१||
वायुमार्गपरकब्ज़ाकर, पूर्वपश्चिमकोछिन्नकिया |
ढाकापरघेराडालपुष्ट, बेतारतारकोभिन्नकिया ||७२||
'हथियारडालदोनियाजीअब', यहमानिकशाकीथीवानी |
करदियापूर्णअपनेप्रणको, रणपूर्वदेशनेथीठानी ||७३||
नियाजीनेआत्मसमर्पणकर, भारतकीजयस्वीकारीथी |
जयबांग्लादेश, इंदिराजय, तबजनताबंगपुकारीथी ||७४||
रहगयादेखताअमरीका, याहयाकीपूर्णपराजयथी |
थीमुक्तिवाहिनीहर्षलीन, भारतकीजय, सतकीजयथी ||७५||
परिषद्मेंचीखाबारबार, सप्तमबेड़ाकोभेजदिया |
आर्थिकसहयोगवियोगकिया, रणकरनेपाकसहेजकिया ||७६||
रहगएपाककेमित्रसंघ, सबमिलीधूलमेंचालाकी |
भारतकामित्र -प्रभंजनसा, दलनेअरि-धनएकाकी ||७७||
शरणागतबंगस्वतंत्रहुआ, करदियाहिंदनेयुद्धबंद |
हेकाश्मीर ! तूशत्रुसे, होगयाउसीक्षणहीस्वच्छंद ||७८||
तेरेसंकटकीनिशागई, सुखपूर्णप्रभातधरनिछाया |
मुंहकीखाकरवहलौटगया, जोबारबारसन्मुखआया ||७९||
ईश्वरसेयहीकामनाहै, होजायअखंडतूकाश्मीर |
तूभारतमाँकाहैललाट, युगयुगसुखभोगेदेशवीर ||८०||