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कुन्ती / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
कुंती
एक माँ
जिसके मन में
बेटे को चूमने से पहले आया
छुटकारा पाने का भाव
जानती थी
स्त्री के
हिस्से होती है
केवल खौफ
और बदनामी।