भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुरसी / वास्को पोपा / सोमदत्त
Kavita Kosh से
घुमन्तू पहाड़ियों की थकान ने
दिया अपना आकार
उसके उनींदे बदन का
हमेशा खड़ी रहती है
कितना अच्छा लगेगा उसे
कूदकर पहुँचना नीचे
या नाचना
चाँदनी में खोपड़ी की
या सिर्फ़ बैठ जाना
बैठना किसी और की थकान के घुमावों पर
आराम के लिए
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त'