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कुरार गाँव की औरतें-3 / देवमणि पांडेय
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					कुरार गाँव की औरतें
अच्छी तरह जानती हैं कि
किस वर्ष बरसात से
उनकी  गली में बाढ़ आई
किसके बेटे-बेटियों ने शादी रचाई
किस औरत को 
कब  कौन-सा बच्चा हुआ
और  कब कौन उनकी गली छोड़कर
कहीं  और चला गया 
लेकिन उन्हें नहीं पता कि तब से
यह  शहर कितना बदल गया
कब  कौन-सा फैशन आया और चला  गया
और  अब तक समय
उनकी  कितनी उम्र निगल गया 
अपनी  छोटी दुनिया में
छोटी  झोंपड़ी और छोटी गली में
कितनी ख़ुश -
कितनी संतुष्ट हैं औरतें
सचमुच महानगर के लिए
चुनौती  हैं ये औरतें
 
	
	

