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कॉस्मेटिक सर्जरी / गीत चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
अचानक एक दिन
मेरे एक बच्चा हुआ
उसे दूध से नहला दूँ ताकि वह गोरा हो जाए
क्या करूँ उसके बालों का जो इतने घुँघराले हैं
उसकी नाक मेरे वक़्त की प्रचलित नाकों-सी नहीं
गाल भी इतनी फुगे-फुगे
क्या करूँ इस चर्बी का, छील कर फेंक दूँ
इस बच्चे में जितना ज़रूरी हो
जितने से चल सके काम
जितने से लग सके वह सुघड़
और देखने वाले को हो सौंदर्य का भान
उतना रखूँ और बाक़ी तुलसी में डाल दूँ?