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कोरोना का टीका / संजय सिंह 'मस्त'
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कोरोना पर विजय का मिला एक गुरुमंत्र।
पीकर टल्ली हो गया पूर्ण प्रशासन तंत्र।
ठेके सभी शराब के खोले निस्संकोच,
पैसों की गंगा बही मिला ख़ूब उत्कोच।
रोटी, चावल छोड़कर बियर ढूँढते लोग,
पब्लिक डिस्टेंसिंग गई, बढ़ जायेगा रोग।
मधुरा मदिरा हो गई, लाइन लगी अपार,
चमक गया दो रोज़ मेंं मदिरा का व्यापार।
पीलें जी भर लोग क्या पता कल का होना,
या तो हम मर जायें या मिटे अब कोरोना।
सूझबूझ सरकार की, जनता का व्यवहार,
नवाचार का विषय है, लीला अपरंपार।
मेरा तो सुझाव है भारत हो या अफ़्रीका,
दुनिया भर को लगवायें मदिरा का टीका।