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कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी नौतण आई भातई
मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइये
क्योंकर आऊं मेरी मां की जाई ढैर खड़ी मेरी लावणी
ढैर जै बीरा मजूर खंदादे गाड़ी लगा दे ढोवणी
मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए
क्यूंकर आऊं मेरी जामण जाई मेरे घर बालक रोवणा
बालक रै बीरा धाय लगा दूं पलणा घालू बीरा झूलणा
आती जाती बीरा झोटा लगा दूं मेरे घर बिरद उपाइये
मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए
क्यूंकर आऊं मेरी मां की जाई मेरे घर नार सुलाखनी
अपणा बीरा नै चारए विहावाद्यूं दो गोरी दो सांवली
सांवली तो बीरा तपै रसोई गोरी ढोलै बीजणा,
मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए