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क्यूंकै आपा मिनख हां / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
हां, आपा मिनख हां
इण सारू
आपां कदैई नी हुवां
अपवित्तर
आपां भलै
कठैई खावां
कठैई चरां
घाट-घाट रो पाणी पीवां
दिन देखां ना रात देखां
आपां माथै
नीं लागै
कदैई कोई लांछण
नीं दीरीजै
कदैई दोस
देस में रैवां
परदेस में रैवां
आपां माथै नीं उठै
कोई आंगळी।
आपां पति हां
भाई हां
बेटा हां
क्यूंकै आपां मिनख हां
आपां कोनी
घरवाळी
बैण-बेटी
अर लुगाई
इण सारू
आपणीं नीं हुवै कदैई
सीता री दांई
अगन परीक्षा/आपां माथै
नीं लागै
कोई काळस
अर नीं बणना पड़ै
किणी सराप रै कारण
अहिल्या दांई
ठौड़ पडूयो भाटो।
क्यूंकै
आपा मिनख हां।