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ख़्वाब बनके ख़्वाब रह गये / कैलाश झा 'किंकर'

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ख़्वाब बनके ख़्वाब रह गये
नाम के नवाब रह गये।

वक़्त कुछ मिला नहीं अधिक
काम बेहिसाब रह गये।

जज ने फ़ैसला सुना दिया
मुँह में ही जवाब रह गये।

चोर तो गये निकल सभी
हाथ में नकाब रह गये।

चाँदनी की खोज में मियाँ
बनके आफ़ताब रह गये।

प्रेमिका ब्याह दी गयी
हाथ में गुलाब रह गये।