भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

खाली लाधगी / मदन गोपाल लढ़ा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सौ पांवडां रो आंतरो
ठेसण माथै ऊभी-
साधारण सवारी गाड़ी
भाजतां-भाजतां
सांस गळै में आग्यो।

टिगट लेय'र
जद दोरो-सोरो
रुड़कती गाड़ी में बड़्यो
समान समेत
डब्बै में साव खाली लाधगी
ऊपरली सीट।