भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गंदा लड़का / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
तुम स्कूल से भागते हो
तुम चिड़ियों को पकड़ते हो
समुद्र के किनारे
गंदे लड़कों से बातें करते हो तुम
दीवारों पर गंदे-गंदे चित्र बनाते हो
कुछ ख़ास नहीं
पर तुमने मेरा भी दिमाग़ ख़राब कर दिया है
कितने गंदे लड़के हो तुम !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय