भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गलफर में जहर / 10 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
कुत्ता नें
कुत्तिया सें कहलकै-
चलैं यै घोॅर सें
एकरा कत्तेॅ बुतरू छै
हमरौ से बेसी।
अनुवाद:
कुत्ते ने
कुत्तिया से कहा-
चल इस घर से
इसे कितने बच्चे हैं
मुझसे भी ज्यादा।