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गलफर में जहर / 4 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
धोबी नें गदहा पर
कपड़ा के गठ्ठर लादलकै
गधा सीधे घाट पर चैल गेलै
घाट पर
धोबी ने गदहा केॅ डांटलकै
कपड़ा के गट्ठर लादथै
तोंय सीधे घाट परचैल ऐलैं
यै पर/गदहा कहलकै-
ऊ आदमी नै छिकै जे राह में
केकरो घोर घुसैत चलतै।
गधा कहलकै धेबी सें
जहिया सें/ऊ गाँव के छोरा
दिल्ली सें लौटलोॅ छै
तहिया से/ओकरोॅ कपड़ा सें
बदबू आय रहलै।
अनुवाद:
धोबी ने गधे पर
कपड़े का गट्ठर लादा
गदहा सीधे घाट पर चला गया।
घाट पर/धोबी ने गदहे को डांटा-
कपड़ा के गट्ठर लादते ही
तुम सीधे घाट पर आ गये
इस पर/गदहे ने कहा-
वह आदमी थोड़े है/जो राह में
किसी के घर में घुसता आए।
गधा ने कहा धोबी से
जब से/वह गाँव का छोरा
दिल्ली से लौटा है
तब से उसके कपड़े से
बू आ रही है।