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गाता हूं कविता / नवनीत पाण्डे

लिखते हुए
गाता हूं कविता
रचता हूं राग
साधते हुए
वादी, संवादी और
वर्जित सुर सारे
अपनी ताल में
तुम सुनते हुए
देखना !
मेरा यह शब्द राग
कहीं कुछ छूट तो नहीं गया?
सुनना-देखना होते हुए