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गीत ख़ुशी के गाये जा / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।
तेरा दिल तो बहलेगा ही सबका दिल बहलाये जा।
पतझर मत गा तू बहार गा
नफ़रत मत गा सदा प्यार गा।
फूलों के सँग तू न ख़ार गा
फूलों को गा और हार गा।
तेरे सँग-सँग दुनिया गाये ऐसी तान सुनाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।
राँझे को गा और हीर गा
ग़ालिब को गा और मीर गा।
हर दिल छू ले वह नज़ीर गा
मीरा को गा तू कबीर गा।
जो भी तुझसे मिले प्यार से उससे हाथ मिलाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।
मौज बहुत है सस्ती गा तू
जीवन की हर मस्ती गा तू।
तेरी क्या है हस्ती गा तू
जाकर बस्ती-बस्ती गा तू।
बादल बनकर बारिश कर तू सबकी प्यास बुझाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।