भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गृह सौं आनि पीढ़ी दिअ / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गृह सौं आनि पीढ़ी दिअ बैसक यदुपति चरण पखारी जी
चरण पखारि चरनोदक लेलनि लय चलल भानसघर जी
सोनक थार संचार लगाओल बइसक कम्मल कारी जी
सुन्दर सार दहिन भए बैसल, रूचि रूचि भोजन करू जी
स्वर्ण बिअनि लए सरहोजि बैसल, छथि सरहोजि बेवहारी जी
पाकल पान रजतवर्क चढ़ाओल, घृतहि तरल सुपारी जी