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गोखरू / भास्कर चौधुरी
Kavita Kosh से
अंगूठा सूजा रहता है
माँ के दाहिने हाथ का
लगता है मवाद भरा हो जैसे
डाक्टर इंफेक्शन कहते हैं
माँ कहती है गोखरू है
मौत के साथ ही जायेगा
कह्ती है माँ और
डाक्टर की राय को अनदेखा कर
पीसने लगती है मसाला सिल लोढ़े पर
माँ पीस रही है
और राँध रही है बदस्तूर
तरकारी हमारी पसंद के बरसों से...