Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 14:42

घर में रमती कवितावां 27 / रामस्वरूप किसान

गा न को भैंस
ऊंट न को सां‘ड
भेड न को बकरी
कुत्तो न को बिल्ली

फगत आभै चूमती हेली !

फेर ई बो कैवै-
ओ म्हारौ घर है।