भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घास / सरोज कुमार

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वे तुझे
ख़ारिज करने पर तुले हैं
और तु उन्हें
घास नहीं डालता!
इसीलिए वे तुझे
ख़ारिज करने पर
तुले हैं!
तेरी घास ही है
जो झगड़े कि जड़ है!

वैसे तेरे पास
होने के नाम पर
अगर कुछ है
तो केवल घास ही तो है,
वह भी डाल देगा
तो बचेगा ही क्या तेरे पास
जो तुझे
तु बनाए रखे?