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चरखो / मोनिका गौड़

जूण रै
चरखै पर
कातूं
सांसां रो सूत
छूट ज्यावै कदैई
तकळी, पूणी कदैई
उतर जावै ताणो
पण चालतो जावै-
चरखो।