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चलो पहाड़ों पर घूमेंगे / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
अब तो गरमी की है छुट्टी,
चलो, पहाड़ों पर घूमेंगे।
रंग-रंग के फूलों वाली
देखेंगे फूलों की घाटी,
जिसने ऐसे फूल खिलाए
देखेंगे वह सोना माटी।
खूब चढ़ाई चढ़कर हम तो
ऊँची चोटी पर जाएँगे,
और वहाँ सूरज दादा को
जरा नमस्ते कर आएँगे।
सीना ताने ये चट्टानें
झर-झर-झर झरनों के गाने,
सुनकर थोड़ा हम झूमेंगे
चलो, पहाड़ों पर घूमेंगे।