भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिड़िया / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पेड़ नहीं
डाली नहीं
पत्ते नहीं
फ़ूल नहीं
कांटा नहीं
नहीं छाया
चिड़िया बेचारी
बसे कहां !

अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"