भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चिड़िया / नवीन सागर
Kavita Kosh से
बहुत ऊपर से लौटी
धरती पर पेड़ की खाली जगह में
पेड़ देखने
हर तरफ़ देखती हुई
धरती से उठी उसकी परछाईं
मँडराती घेरती उसे
दूर जाती हुई
नीरव अँधेरी ।