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चिड़िया / लक्ष्मी खन्ना सुमन

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मिल-जुलकर बतियातीं चिड़ियाँ
सुख-दुख हाल बतातीं चिड़ियाँ

लड़ती-भिड़ती, उड़-उड़ बचतीं
पर दाना चुग जाती चिड़ियाँ

एक साथ उड़, इक दम मुड़तीं
करतब खूब दिखातीं चिड़ियाँ
 
नर्म-मुलायम नया घोंसला
मिल-जुल खूब बनतीं चिड़ियाँ

बच्चो को चुन भुनगे दाने
सुन चूँ-चूँ खिलवातीं चिड़ियाँ

जरा पास जो इनके जाऊँ
जाने क्यों उड़ जाती चिड़ियाँ

'सुमन' सरीखे कोमल बच्चे
उड़ना उन्हे सिखाती चिड़ियाँ