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चिरनिद्रा / बाजार में स्त्री / वीरेंद्र गोयल

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दोपहर को अलसाते हुए
खुशी देता है सोना
रात्रि को थकाते हुए
खुशी देता है सोना
रोशनियों के पंडाल में
खुशी देता है सोना
आँखों में झिलमिलाते हुए
खुशी देता है सोना
हाथ में पहने सोने को
रगड़-रगड़कर चमकाते हुए
खुशी देता है सोना
अपनी हैसियत
सामने वाले को जताते हुए
खुशी देता है सोना
अनिद्रा के कैदी को
खुशी देता है सोना
थक चुके हो जब
चलकर जीवनभर
हाथ उठे हों दुआ में
खुशी देता है सोना