भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चुप रहने वाले / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
चुप रहने वाले
जब चुप कर दिये जाते हैं
तो चुप्पी का अर्थ होता है
एक खतरनाक सन्नाटा
शब्दों का काटा हुआ
तब भले ही बच जाए,
बचता नहीं
कोई चुप्पी का काटा।