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चौमासे का गीत / रमेश तैलंग

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चौमासा बैठा
खोले सुरमेदानी ।
आँज रही काजल
देखो ! बिजुरी रानी ।

चौमासा आया
गाता मीठी कजरी ।
छत की मुंडेरों तक
झुक आई बदरी ।

चौमासा लाया
पानी के गुब्बारे ।
छीना-झपटी में
लो, फूट गए सारे ।