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छत्तीसगढ़ के किसान / रघुनंदन प्रसाद पांडेय
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हमर छत्तीसगढ़ के किसान,
जेमन कमाथे सुन्दर धान
उधरा वदन खाली गोड़
ये हर उखरे ये पहिचान ।1।
कान म चोंगी, खांध म पट कू
नाम धराये छत कू मट कू
साहूकार के करजा म बुड़े
बिपत म पड़े हे जान ।2।
चिमनी बारके काम चलाथे,
माटी तेल के किल्लत पाये
टूटहा खटि या उउ फूटहा गोरसी
घर के नइये पहिचान ।3।
बड़े बड़े नेतौ मैन आथे
बहुत बहुत वादा का जाथे
रोटी कपड़ा अउ मकान
हमर कानों नइथे भगवान ।4।