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छोटी कविताएँ / श्रीप्रसाद
Kavita Kosh से
छोटी-छोटी कविताओं में
छोटी-छोटी बातें हैं
छोटा चंदा, छोटे तारे
छोटी-छोटी रातें हैं
छोटा सूरज, छोटी किरणें
छोटे पवन झकोरे हैं
छोटे फूल जहाँ तितली के
रंगबिरंगे डोरे हैं
छोटी चिड़िया, छोटी पाँखें
छोटी दूरी तक उड़ना
आसमान काफी चौड़ा है
पर उसका जल्दी मुड़ना
छोटी कोयल, छोटे गाने
छोटे आम गिराती है
छोटी चोंच, आम भी छोटे
जिन्हें कुतरकर खाती है
बच्चे छोटे हैं, जिनकी हैं
छोटी-छोटी कविताएँ
छोटे मुँह से बच्चे अपनी
छोटी कविताएँ गाएँ
छोटी बात अगर अच्छी है
अगर सही, है बात बड़ी
समय बड़ा है जिसे बताती
बिलकुल छोटी एक घड़ी।