यह
एक दीपक है
जो जलता रहता है
बिना तेल के ही।
यह
एक बंधन है
जो बंधा रहता है
बिना गाँठ के भी।
वह एक सच्चाई है
जो फैलती रहती है
बिना बहस के भी।
यह
एक समुद्र है
जो उफनता रहता है
बिना तूफान के भी।
यह
एक मोती है
जो गूंथा जाता है
बिना चाँदी के भी।
यह
एक विश्वास है
जो पनपता रहता है
बिना सोच के भी
जानोगे वह
क्या है ?