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जनमने दो देव शिशु को / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
इन हवाओं में जो
गंध उड़ती है
उन्हें तम रोको
इन समुद्र में जो
लहरें उठती हैं
उन्हें मत रोको
इन आकाश में जो
तारे टिमटिमाते हैं
उन्हें मत रोको
इस धरती में जो
फूल गिरते हैं
उन्हें मत रोको
इन अंगुलियों में जो
बूंदे गिरती हैं
उन्हें मत रोको
जनमने दो एक
देव-शिशु को
उन्हें मत रोको।