नभ से गिर लो
तल से निकलो
हेत साधलो थल से
अंतस ठर लो मरुथल का
निर्मल हो काया
ताल भरा हो
मन हरा हो
थार फाड़ कर
निकले अंकुर
आलिंगन में कुछ
ऎसा कर दो
जल तुम
मरुधर से
गठबंधन कर लो!
नभ से गिर लो
तल से निकलो
हेत साधलो थल से
अंतस ठर लो मरुथल का
निर्मल हो काया
ताल भरा हो
मन हरा हो
थार फाड़ कर
निकले अंकुर
आलिंगन में कुछ
ऎसा कर दो
जल तुम
मरुधर से
गठबंधन कर लो!