भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जवाब / नीलाभ
Kavita Kosh से
दूर दूर दूर
खेतों में बहती है हवा
नदी की तरह
और जानती है
उसे किसी से कुछ नहीं लेना है
उसे सिर्फ़ देना है आपको
शहर द्वारा अपने प्रति किए गए
अपमान का जवाब
(रचनाकाल :1976)