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जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई
सेर घी घाल के लप लप खाई