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जाड़ो की अलसाई सुबह / संगीता गुप्ता

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जाड़ो की अलसाई सुबह
सूरज की पहली किरण - सी
तुम्हारा आना
जिन्दगी में
गरमाहट - सा भर देता है

कई बार
यह ख्याल आता है कि
उस गरमाहट को
मðी में कैद कर लूं

जब भी अपना होना
बहुत बेमानी लगे
दिल की गहराइयों में
स्याह अंधेरी ठंड
और सन्नाटे का
एहसास जागे
तो आड़े वक्त के लिए
चुराई गरमाहट से
खुद को
ताजादम कर लूं