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जाने कहाँ गुम हो जाते हो / रेखा चमोली
Kavita Kosh से
जब सबसे ज्यादा जरूरत होती है
तभी खो जाती हैं चीजें
ठंड से बर्फ बन जाते हैं पैर
जुराबें यहीं कहीं तो रखी थीं
जल्दी काटनी होती है सब्जी
और चाकू का कहीं पता नहीं
पैन, कंघा, टेप, स्टेपलर, आसपास होते हुए भी
काम के वक्त पास नहीं होते
वैसे ही तुम
जब सबसे ज्यादा जरूरत होती है
जाने कहाँ गुम हो जाते हो ?