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जाल-एक / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
अपन-अपन
छानल जालमे फँसि कऽ मरि जाइत अछि
एक दिन...
मकड़ा
कसूरवार
घमंडी
तामसी
आ क्रूर शासक।