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जाहि निकुंज वन हमरो के देलिअइ / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जाहि निकुंज वन हमरो के देलिअइ, ताहि वन मायो ने बाप
सुन भवन केने जाइ छी हे बेटी, अयोध्यामे बाजत बधाइ
हरियर गोबर आंगन निपाओल, गजमोती अरिपन देल
अंगनामे बुलि-बुलि आमा जहे कानथि, जनकजी भेला अचेत
नगरक सखिया बड़ा रे निरमोहिया, धीया देल डोलिया चढ़ाय
भनहि विद्यापति सुनू सुनयना, सभ बेटी सासुर जाय