जीवन जहाँ खत्म हो जाता !
उठते-गिरते,
जीवन-पथ पर
चलते-चलते,
पथिक पहुँच कर,
इस जीवन के चौराहे पर,
क्षणभर रुक कर,
सूनी दृष्टि डाल सम्मुख जब पीछे अपने नयन घुमाता !
जीवन वहाँ ख़त्म हो जाता !
जीवन जहाँ खत्म हो जाता !
उठते-गिरते,
जीवन-पथ पर
चलते-चलते,
पथिक पहुँच कर,
इस जीवन के चौराहे पर,
क्षणभर रुक कर,
सूनी दृष्टि डाल सम्मुख जब पीछे अपने नयन घुमाता !
जीवन वहाँ ख़त्म हो जाता !