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जीवन तृष्णा / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
भूखे कौवे ( जीवन) सा
एक निर्दयी जीव
मुँह में उठाए
प्राणों की मछली को
भटकता रहा
मरीचिकाओं के
मरुस्थल पर
मछली की पीड़ा से
अनभिज्ञ होकर
अऩ्त में छोड़ा लाकर
मृत्यु के
अनंत शीतल सागर में
और पीड़ा को
अमर कर दिया
जीने के लिए।