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जो हमें नहीं दिख रहा है / केशव तिवारी

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जो हमें नहीं दिख रहा है
वो भी कहीं हो रहा है

जो हम नहीं सुन पा रहे हैं
वो भी
हमारे ही समय की आवाज़ है

ये सब मिलकर
तय कर रहे हैं
हमारे समय का भविष्य