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झर गयी दुनिया / अज्ञेय
Kavita Kosh से
झर गयी है दुनिया मैं हूँ
झर गया मैं तुम हो
झर गये तुम प्रश्न है
झर गया है प्रश्न युद्ध है
झर गया युद्ध जीवन है
वही दुनिया है, मैं हूँ, तुम हो, प्रश्न है, युद्ध है
कविता है।