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टाँग कटाई / रोशन लाल 'रौशन'
Kavita Kosh से
टाँग कटाई
मंज़िल पाई
बाँधी टाई
अक़्ल न आई
पक्के दुश्मन
भाई-भाई
स्वाद कसैला
नाम मिठाई
सुविधाओं की
चिट्ठी आई
करवट-करवट
गहरी खाई
रोज़ हज़ामत
नेता नाई
पीछे दलदल
आगे काई
पेट भर जब
रिश्वत खाई
मूल्य समय के
नान खटाई
वर्जित इच्छा
नाक कटाई
झूठ ख़रीदे
हर सच्चाई