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टुकुर टुकुर ताके / आशा राजकुमार
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टुकुर टुकुर ताके
इधर से उधर
काहे फिर ना
कोई आ जाई
हम्मे ले जाई
काहे कोई और
जनावर ना आ जाई
हम्मे खा जाई।
हवा से पकड़ के
बन्द कर लेइस
एक खुलल कमरा में
सामने है दाना पानी
आँखी टपके है
फिन गाना गावे
के चाही
रोने के सिवाइ
और का बाकी रह गइल
और गँवा
रहल है
जबरजस्त
जान है हमार
और सौदा हमार
रंग और ढंग
के होवे हैं?
के बोलता रहा
आजाद जैसे पंछी