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तावान / परवीन शाकिर

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तावान<ref>क्षतिपूर्ति</ref>

गुल -ए-अनार की हल्की गुलाबी छाँव में बैठके
कॉफ़ी बनाना
मुझे भी अच्छा लगता है

लेकिन ऐसा करते हुए
मेरी झुकी हुई पलकें
तुझसे जो रंग छिपाती हैं

वह उस छाँव के रंग से बढ़कर गहरा है !

शब्दार्थ
<references/>