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तिनका / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
पर्वतों ने
फिर बाँह पकड़ी
उदासियाँ आँखों में
उडीक लिए बैठी हैं
इक तिनका प्रेम का
सरोवर में उछला है
चिड़िया उस तिनके से
अपना घर सजाने लग पड़ी है
वह पर्वत पार करना चाहती है
तिनके के सहारे …।