तुम्हारी देहरी पर ही, मिला चिर प्यार प्रियतम का।
मिला दृढ़ वर्ष भर पथ में, अथक मनुहार प्रियतम का।
पुरातन वर्ष मैं तुमको, हृदय आभार देती हूँ
तुम्हारे अंक में पाया, अमर अभिसार प्रियतम का।
तुम्हारी देहरी पर ही, मिला चिर प्यार प्रियतम का।
मिला दृढ़ वर्ष भर पथ में, अथक मनुहार प्रियतम का।
पुरातन वर्ष मैं तुमको, हृदय आभार देती हूँ
तुम्हारे अंक में पाया, अमर अभिसार प्रियतम का।