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तुम सहती क्या हो / चंद्र रेखा ढडवाल
Kavita Kosh से
तुम कहोगी नहीं
तो कोई सुनेगा नहीं
सुनेगा नहीं
तो जानेगा नहीं
और निदान इसी में
कि कोई सुने
तुम कहती क्या हो
कोई जाने
तुम सहती क्या हो.